राजनांदगांव कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने गुरुवार को कलेक्टोरेट सभाकक्ष में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की बैठक ली। उन्होंने जल जीवन मिशन और पेयजल आपूर्ति के कार्यों की समीक्षा की।
कलेक्टर ने कहा कि जिले में जल जीवन मिशन का क्रियान्वयन बेहतर और गुणवत्तापूर्ण होना चाहिए। उन्होंने अधूरे निर्माण कार्यों पर नाराजगी जताई। कहा कि ठेकेदारों की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
कलेक्टर ने सभी अधीनस्थ इंजीनियरों को निर्देश दिए कि वे दौरा कर अधूरे कार्यों का निरीक्षण करें। ठेकेदारों पर सख्ती बरतें। अगले माह तक प्रगति दिखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन हैंडपंपों में जल स्तर नीचे चला गया है, वहां विशेष ध्यान दें। मरम्मत और पेयजल आपूर्ति का कार्य लगातार जारी रखें। कलेक्टर ने सोलर पंप स्थापना, घरेलू कनेक्शन, पाइपलाइन, जलागार और पानी टंकी निर्माण की प्रगति की भी समीक्षा की। उन्होंने लंबित कार्यों को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए।
ईई ने दी संधारण की जानकारी: कार्यपालन अभियंता समीर शर्मा ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल स्रोतों का क्लोरिनेशन और हैंडपंप संधारण किया गया है। शिकायतों के लिए टोल फ्री नंबर जारी किया गया है। वाट्सएप ग्रुप भी बनाया गया है, जिससे गांवों की समस्याओं की जानकारी मिल सके और त्वरित समाधान हो। जिन गांवों में भू-जल स्तर नीचे चला गया है, वहां एक्स्ट्रा डीपवेल सिलेंडर लगाने की व्यवस्था की गई है। जिले में दो विभागीय रिंग मशीनें उपलब्ध हैं। सूख चुके जल स्रोतों को हाइड्रो-फ्रैक्चरिंग से पुनर्जीवित किया जा रहा है। उपखंड स्तर पर दो मोबाइल यूनिट तैनात किए गए हैं। भू-जल स्तर गिरने की स्थिति को देखते हुए जिले में पेयजल परिरक्षण अधिनियम 30 जून तक लागू किया गया है। बैठक में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारी, अभियंता मौजूद रहे।