राजनांदगांव। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन तथा जिले में अक्षय तृतीया पर संभावित बाल विवाह को रोकने के लिए जनप्रतिनिधियों, समाज प्रमुखों, वैवाहिक अनुष्ठानकर्ताओं, बैण्ड पार्टियों व टेन्ट हाऊस संचालकों सहित अन्य विवाह से संबंधित कार्यों में लगे प्रतिष्ठानों एवं व्यक्तियों से, जहां कही भी कम उम्र में विवाह हो रहा हो उसे रोकने में सहयोग करने की अपील की है। साथ ही महिला एवं बाल विकास विभाग के बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारियों को जिले में अक्षय तृतीया पर संभावित बाल विवाह को रोकने के आवश्यक निर्देश दिए हंै। किसी भी व्यक्ति को बाल विवाह की सूचना मिलने पर तथा बाल विवाह को समय पर रोकने के लिए चाईल्ड हेल्पलाईन 1098 एवं महिला हेल्पलाईन 181 तथा 112 पर सूचित किया जा सकता है। कलेक्टर ने कहा कि जिले में अक्षय तृतीया के अवसर पर अधिकाधिक संख्या में विवाह का आयोजन किया जाता है। इस दौरान अनेक बार कम उम्र में विवाह होने की संभावना रहती है, जिसे रोकथाम करना जरूरी है। 18 वर्ष से कम उम्र की बालिकाओं एवं 21 वर्ष से कम उम्र के बालकों का शारीरिक एवं मानसिक विकास नहीं होने के कारण उनके जीवन में बाधाएं उत्पन्न होती है। जिसके कारण इनकी शिक्षा अवरूद्ध होने व कैरियर प्रभावित होने के खतरे बढ़ जाते हैं।