इंदौर
इंदौर में होली से ज्यादा उत्साह से मनाई जाने वाली रंगपंचमी 22 मार्च को निकाली जाएगी। इसके रूट को लेकर छाई धुंध अब छंट गई है। कलेक्टर मनीष सिंह ने इस मामले में कहा है कि गेर अपने परंपरागत मार्ग पर ही निकले इसके लिए निगम ने कहा है कि खुदे हुए रास्ते को समतल कर दिया जाएगा। ताक गेर सुव्यवस्थित निकाली जा सके। हम गेर में शामिल होने वाले लोगों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखेंगे। जो भी हितकर होगा उसी अनुसार निर्णय लिया जाएगा।
महाशिवरात्रि के अवसर पर खजराना गणेश मंदिर में कलेक्टर ने यह बात कही। कलेक्टर के इस बयान से सारे गेर आयोजक उत्साहित हैं क्योंकि सभी यही चाहते हैं कि गेर का आनंद पुराने परम्परागत रुट पर ही है। इसके अलावा अन्य कोई वैकल्पिक मार्ग पर गेर निकाली तो व्यवहारिक परेशानी तो रहेगी और आमजन को भी गेर में आनंद नहीं आएगा। सभी लोग चाहते हैं कि दो साल के कोरोना काल में सालों पुरानी गेर नहीं निकल सकी थी।
20 दिन शेष, दिन रात करना होगा काम
हालांकि अब अब रंगपंचमी को मात्र 20 दिन बचे हैं जबकि आधा किमी का मार्ग खुदा है। ऐसे में नगर निगम के पास दो विकल्प हैं। पहला तो यह कि 20 दिनों में टीम लगाकर दिन-रात काम कराएं या फिर सिर्फ गेर निकालने की स्थिति में अस्थाई रूप से समतल करा दें। हालांकि अस्थाई रूप से समतल करने में निगम की परेशानी और बढ़ेगी क्योंकि गेर में जमकर पानी का उपयोग होता है और फिर वापस से उसे खुदवाकर फिर पक्का काम करना होगा। अभी टोरी कॉर्नर और खजूरी बाजार मार्ग के एक बड़े हिस्से का आधा किमी का मार्ग खुदा पड़ा है। नगर निगम ने इस रास्ते को समतल करने की बात कही है।
इस बार सवा लाख से भी ज्यादा लोग शामिल होंगे
इस बार लोगों में जबर्दस्त उत्साह है। संभव है कि हर साल गेर में जहां सवा लाख से ज्यादा लोग एकत्रित होते हैं तो इस बार और भी ज्यादा होंगे। इसका खास कारण है कि कोरोना संक्रमण का ग्राफ लगातार गिरता जा रहा है।
पुराने मार्ग से बेहतर कुछ नहीं
टोरी कॉर्नर गेर आयोजक शेखर गिरी, हिन्द रक्षक फाग यात्रा के आयोजक लक्ष्मणसिंह गौड़ ने बताया कि पुराने मार्ग पर ही गेर निकली तो इससे बेहतर कुछ नहीं होगा। सभी गेर आयोजक शुरू से ही इस बात के पक्षधर हैं कि परम्परागत रुट पर ही निकाली जाए।
यह है गेर का परंपरागत मार्ग
गेर का कैलाश मार्ग से शुरू होती है। जो दलिया पट्टी, टोरी कॉर्नर, एमजी रोड, खजूरी बाजार, राजबाड़ा, इमाम बाड़ा, बड़ा सराफा, सांठा बाजार, सीतलामाता बाजार, हुकुमचंद मार्ग होते हुए मल्हारगंज पहुंचती है। हिन्द रक्षक फाग यात्रा नृसिंह बाजार से शुरू होकर सीतलामाता बाजार होते हुए गेर में शामिल होती है।