जबलपुर
जननी एक्सप्रेस के पायलट माेहम्मद याकूब ने एंबुलेंस में ही महिला का प्रसव कराया। नाड़ा काटने के बाद नवजात व प्रसूता को सुरक्षित अस्पताल पहुंचाया। जहां दोनों खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार रांझी में संचालित जननी एक्सप्रेस के पायलट याकूब को प्रसव पीड़ा से कराहती महिला को अस्पताल पहुंचाने का पाइंट दिया गया। सुबह करीब 7.15 बजे वे एंबुलेंस लेकर सुंदरपुर खमरिया के हाथीडोल गांव पहुंचे। जहां से महिला शीतल कोल वर्ष उसके पति बिंदू कोल और सास को लेकर वह सिविल अस्पताल रांझी के लिए रवाना हुआ। याकूब एंबुलेंस लेकर गांव से कुछ दूर पहुंचा था तभी महिला प्रसव पीड़ा से कराह उठी। सास ने याकूब को एंबुलेंस रोकने के लिए कहा। याकूब ने जंगल में एंबुलेंस रोकी तब तक गर्भस्थ शिशु के शरीर का कुछ हिस्सा बाहर निकल चुका था। याकूब ने सूझबूझ का परिचय दिया। शीतल की सास की मदद से उसने एंबुलेंस में ही प्रसव कराया। सामान्य व सुरक्षित प्रसव के बाद उसने नवजात बच्ची का नाड़ा काटा, जिसके बाद जच्चा बच्चा को सिविल अस्पताल रांझी में भर्ती कराया। स्वजन ने बताया कि शीतल की पहले से एक बेटी है। स्वजन ने कहा कि गांव पहुंंचने का रास्ता बहुत दुर्गम है। मार्ग के बड़े-बड़े गड्ढों ने शीतल की प्रसव पीड़ा बढ़ा दी थी।
125 से ज्यादा प्रसव कराए
इधर, याकूब ने कहा कि जननी एक्सप्रेस में बतौर पायलट वह नौ साल से सेवाएं दे रहा है। जबलपुर समेत अन्य जिलों में कंपनी उसे भेज चुकी है। इस अवधि में वह 125 से ज्यादा प्रसव एंबुलेंस में करवा चुका है। विदित हो कि जननी एक्सप्रेस और 108 एंबुलेंस मरीजों के लिए काफी लाभदायक साबित हुई हैं। पायलट माेहम्मद याकूब ने बताया कि एंबुलेंस में सेवा देने वाले पायलट बनने कर्मचारियों को प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण दिया जाता है।