इंदौर
 डकैतों  का डटकर सामना करने वाले इंदौर ट्रैफिक पुलिस के हेडकांस्टेबल डिप्रेशन से हार गए, दो साल पहले गंभीर बीमारी से पत्नी की मौत के बाद टूट चुके हेडकांस्टेबल राजकुमार मिश्रा ने फांसी लगाकर जान दे दी। राजकुमार लगातार तनाव में चल रहे थे। रविवार सुबह चार बजे से ही घर के बाहर टहल रहे थे। इसके बाद वह अंदर चले गए और अंदर जाकर फांसी लगा ली।

बताया जा रहा है कि इंदौर की जोशी कॉलोनी में रहने वाले राजकुमार मिश्रा अपनी पत्नी की मौत के बाद से गुमसुम रहने लगे थे, हालांकि उनके बेटे और बेटी दामाद ने उन्हे समझाने और खुश रखने की कोशिश की लेकिन उसके बावजूद वह सामान्य नहीं हो पा रहे थे। राजकुमार मिश्रा मूल रूप से कानपुर के रहने वाले थे। पुलिस विभाग में उन्हें नौकरी करते हुए 20 साल से ज्यादा हो गए थे। मिश्रा के परिवार में भाई और अन्य सदस्य भी कानपुर में ही रहते थे। नौकरी के बीच समय निकालकर वह अपने परिवार से मिलने भी जाते थे। उन्होंने बेटी की शादी खंडवा में तैनात पुलिसकर्मी से की थी। उनके परिवार के अन्य सदस्य भी पुलिस सेवा में है। तनाव को लेकर उन्होंने अधिकारियों से बात कर डीआरपी लाइन में अपना ट्रांसफर करवाया था। यहां उन्हें सोमवार को आमद देना थी।

डकैतों से मुठभेड़ में घायल हुए थे, पैर में लगी थी गोली

राजकुमार पुलिस विभाग में अपनी बहादुरी के लिए पहचाने जाते थे, कई साल पहले शिप्रा इलाके में डकैत की वारदात हुई थी। यहां डकैतो से राजकुमार का सामना भी हुआ था। जिसमें उनके पैर में गोली भी लगी थी। उसके बावजूद उन्होंने डटकर मुकाबला किया था, राजकुमार के साथी उनके इस कदम से हैरान है उनकी माने तो अपने स्वभाव के कारण वह उनका बहुत लोगों से तालमेल था लेकिन वह ऐसा कदम उठाया लेंगे

By kgnews

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